शनिवार, 19 अप्रैल 2025

ताशकंद में हिन्दी अध्ययन अध्यापन की स्थिति

 ताशकंद में हिन्दी अध्ययन अध्यापन की स्थिति


                       उज़्बेकिस्तान में हिन्दी अध्ययन अध्यापन की एक समृद्ध परंपरा है। ताशकंद के लाल बहादुर शास्त्री  विद्यालय में प्रारंभिक शिक्षा के आधार पर हिंदी पढ़ाई जाती है जिसकी शुरूआत 1955 के आसपास हुई । पाठशाला क्रमांक 24/ मकतब 24 प्रसिद्ध लेखक दिमित्रोव के नाम से ताशकंद में शुरू हुआ । सन 1972 में इसका नाम बदलकर लाल बहादुर शास्‍त्री विद्यालय किया गया। यहाँ कक्षा 5 से ही हिन्दी का अध्यापन होता है । इस विद्यालय में लगभग 1400 विद्यार्थी हैं जिनमें से  लगभग 800 विद्यार्थी यहाँ हिन्दी सीखते हैं । सिर्फ हिन्दी पढ़ाने के लिए यहाँ वर्तमान  में  07 शिक्षक कार्यरत हैं । इस विद्यालय की वर्तमान डायरेक्टर नोसिरोवा दिलदोरा यहाँ की हिन्दी शिक्षिका भी हैं । अन्य शिक्षकों में अब्दुर्राहमनोवा निगोरा, तोजीमुरुदोवा सुरइयो, तुर्दीओहूननोबा, कुरबानोवा ओजोदा और मिर्ज़ायूरादोवा मफ़ूजा शामिल हैं । लाल बहादुर शास्त्री विद्यालय, ताशकंद संभवतः न केवल उज़्बेकिस्तान अपितु पूरे मध्य एशिया में हिंदी अध्ययन अध्यापन का सबसे बड़ा केंद्र है ।
                         इस विद्यालय के हिन्दी छात्रों को हिंदी भाषा रुचिपुर्ण तरीके से सिखाने के लिए पाठ्य सामग्री को लगातार नए स्वरूप में तैयार करने का कार्य चलता रहता  है। नवीनतम बदलाव वर्ष 2‌021 में किया गया ।  सभी कक्षाओं की (कक्षा 5 से 11 तक ) किताबों को बदलने‌ का का‌म स्कूल के‌ शिक्षकों  तथा ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीस्ज के वरिष्ठ इंडोलजिस्ट की मदद व सुझाव से पाठ्य‌ पुस्तक समिति ने ‌कि‌या। इन किताबों के प्रकाशन के लिए भी भारतीय दूतावास आर्थिक सहायता देता रहता है ।
              ताशकंद में हिन्दी अध्ययन अध्यापन से जुड़े लाल बहादुर शास्त्री स्कूल, ताशकंद स्टेट युनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज, द यूनिवर्सिटी ऑफ वर्ड इकॉनमी अँड डिप्लोमसी तथा उज़्बेकिस्तान स्टेट वर्ड लैंगवेजेज़ यूनिवर्सिटी में हिन्दी पढ़ाई जाती है । विश्वविद्यालय स्तर पर हिन्दी में स्नातक, परास्नातक और PhD करने की व्यवस्था ताशकंद स्टेट युनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज में है । यहां करीब 12 प्राध्यापक हिन्दी अध्यापन कार्य से जुड़े हैं। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के हिन्दी चेयर के माध्यम से भारतीय प्राध्यापक भी यहां विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में कार्य करते रहे हैं। वर्तमान में डॉ मनीष कुमार मिश्रा यहां हिन्दी चेयर पर कार्यरत हैं। डॉ.निलूफर खोजाएवा, प्रो.उल्फतखान मुहिबोवा, डॉ.तमारा खोजाएवा, डॉ.सिराजुद्दीन नुरमातोव, डॉ.मुखलिसा शराहमेतोवा और डॉ.कमोला रहमतजानोवा जैसे उज़्बेकी हिन्दी प्राध्यापकों का हिन्दी के प्रति समर्पण महत्वपूर्ण है।
                वर्तमान में करीब 200 छात्र अकेले इसी विश्वविद्यालय में हिंदी सीख रहे हैं।  इसके अतिरिक्त द यूनिवर्सिटी ऑफ वर्ड इकॉनमी अँड डिप्लोमसी में करीब 50 तथा उज़्बेकिस्तान स्टेट वर्ड लैंगवेजेज़ यूनिवर्सिटी में भी स्नातक स्तर पर हिन्दी भाषा पढ़ाई जाती है। यहाँ भी लगभग 100 के करीब  हिन्दी के छात्र हैं जो द्वितीय या तृतीय भाषा के रूप में हिन्दी सीखते हैं । लाल बहादुर शास्त्री भारतीय संस्कृति केंद्र, ताशकंद में भी हिंदी अध्ययन की व्यवस्था है। वरिष्ठ हिन्दी प्राध्यापक श्रीमान बयात रहमातोव एवं श्रीमती मुहाय्यो तूरदीआहूनोवा यहां वर्तमान में कार्यरत हैं। उज़्बेकी हिन्दी शब्दकोश के निर्माण में श्रीमान बयात रहमातोव का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।